गुजर-बसर; बेटी कृष्णा बैल की जगह खुद जुतती है और मां उसे हांकती है. देखें पूरी ख़बर

देवास जिले के एक गांव लाई में एक गरीब परिवार बैल की जगह खुद जुता हुआ है। इस परिवार के मुखिया और बेटे दोनों की मौत हो गयी है। घर में अब मां-बेटी बची हैं। ग़रीबी के कारण वो बैल नहीं ख़रीद सकतीं, इसलिए उसका काम खुद ही कर रही हैं। इसी तरह का एक मामला लॉकडाउन के समय भी आया था। जिसमें एक तरफ बेल था एवं दूसरी तरफ लड़का बेल की जगह गाड़ी खींच था।

देवास के भिलाई गांव में रहने वाले हरदास बारेला नहीं रहे. तीन साल पहले हरदास और उसके बेटे संतोष की एक सड़क हादसे में मौत हो गयी थी। उसकी 4 एकड़ ज़मीन है। परिवार के दोनों पुरुष सदस्यों की मौत के बाद घर में बचीं हरदास की बूढ़ी मां, पत्नी कारीबाई और 4 बच्चे। परिवार के सामने भुखमरी की नौबत आ गयी। ऐसे हालात में कारीबाई ने पति की ज़िम्मेदारी निभाने का फैसला किया। इस काम में बड़ी बेटी कृष्णा ने भी साथ दिया।

समस्या ये आयी कि खेत कैसे जोतें। इतना पैसा नहीं था की बैल ख़रीद पाएं। इसलिए बेटी कृष्णा बैल की जगह खुद जुतती है और मां उसे हांकती है। 4 एकड़ की इस ज़मीन पर मक्का और मूंगफली उगाती हैं और जैसे-तैसे गुजर बसर कर रही हैं।