आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी – सब शुभ ही शुभ। विष्णु जी के आठवें अवतार श्रीकृष्ण 125 वर्ष रहे थे पृथ्वी पर

कोरोना संकट के बीच देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (SriKrishna Janmashtami) की धूम देखने को मिल रही है। हालांकि, इस बार इंदौर समेत कई जगह पर प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है। ऐसे में श्रद्धालुओं को घर पर ही नंदगोपाल के स्वागत की तैयारी में जुटे हुए हैं। इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी लगातार दो दिन मनाई जाएगी। बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंगलवार को कान्हा का जन्मदिन मनाएंगे। वहीं कई लोग बुधवार को जन्माष्टमी मनाएंगे। ये पंचाग के भेद के चलते हो रहा है कुछ लोग 11 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे तो कुछ 12 अगस्त को।
इंदौर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम
कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भादो के महीने की अष्टमी तिथि पर ही मनाया जाता है लेकिन वैष्णव संप्रदाय से जुड़े श्रद्धालु अष्टमी के अगले दिन कन्हैया का जन्मदिन मनाते हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव बुधवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। संभवतः यह पहला अवसर होगा जब भक्त जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के दर्शन नहीं कर सकेंगे।
आज 11 अगस्त और 12 अगस्त को पंचांग भेद के कारण दो दिन जन्माष्टमी मनाई जाएगी। मथुरा और द्वारिका में 12 अगस्त को जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जगन्नाथपुरी में 11 अगस्त की रात में ये पर्व मनाया जाएगा। बद्रीनाथ धाम में और जो लोग शैव संप्रदाय से जुड़े हैं, वे 11 को ही जन्माष्टमी मनाएंगे।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित मनीष शर्मा के अनुसार, इस साल 5247वीं जन्माष्टमी मनाई जाएगी। इस संबंध में पंचांग भेद भी हैं। इस बार 60 वर्षों के बाद भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र और अष्टमी तिथि के साथ धनु राशि के गुरु ग्रह का योग बन रहा है।
विष्णु जी के आठवें अवतार श्रीकृष्ण 125 वर्ष पृथ्वी पर रहे। इस दौरान उन्होंने कंस जैसे अधर्मियों का वध किया। महाभारत युद्ध में पांडवों को जीत दिलाई। द्वारिका नगरी बसाई थी। इस तरह वे पृथ्वी पर करीब 125 वर्ष रहे और फिर अपने वैकुंठ धाम लौट गए। 11 तारीख की सुबह 9.07 बजे से भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी। ये तिथि 12 अगस्त की सुबह 11.17 बजे तक रहेगी। 11 अगस्त की रात में अष्टमी तिथि रहेगी। इस वजह से बद्रीनाथ धाम में 11 की रात में जन्माष्टमी मनाई जाएगी। क्योंकि, श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि की रात में ही हुआ था।